
CIBIL Score Rule: 1 जुलाई 2025 से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) CIBIL स्कोर से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव करने जा रहा है। इन नए नियमों का सीधा असर उन करोड़ों लोगों पर पड़ेगा जो लोन लेने की योजना बना रहे हैं या जिनका क्रेडिट स्कोर खराब है। RBI का मकसद है क्रेडिट स्कोर की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव देना। कई बार गलत जानकारी के कारण लोगों का स्कोर कम हो जाता है, जिससे लोन मिलने में दिक्कत आती है। अब इस प्रक्रिया को आसान, तेज़ और ग्राहकों के हित में बनाया गया है।
गलतियों को सुधारने की तय समय सीमा
RBI के नए निर्देश के मुताबिक अगर किसी उपभोक्ता को अपनी CIBIL रिपोर्ट में कोई गलती मिलती है, तो उसे सुधारने के लिए अधिकतम 21 कार्यदिवस की समयसीमा तय की गई है। पहले यह प्रक्रिया हफ्तों या महीनों तक चलती थी जिससे उपभोक्ताओं को लोन में देरी या रिजेक्शन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब बैंकों और क्रेडिट ब्यूरो को शिकायत मिलते ही समय पर प्रतिक्रिया देनी होगी। इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा और उन्हें बार-बार शिकायतें नहीं करनी पड़ेंगी।
क्रेडिट स्कोर जानना अब होगा पूरी तरह फ्री
RBI ने निर्देश दिया है कि हर व्यक्ति को महीने में एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर को मुफ्त में देखने का अधिकार होगा। पहले इसके लिए शुल्क लिया जाता था या सीमित एक्सेस मिलती थी। अब यह सेवा सभी को निःशुल्क दी जाएगी ताकि लोग अपने फाइनेंशियल हेल्थ को ट्रैक कर सकें। यह फैसला ग्राहकों को फाइनेंशली सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे लोग समय पर क्रेडिट स्कोर सुधारने के उपाय कर सकेंगे और धोखाधड़ी से भी बच पाएंगे।
रिपोर्ट अपडेट का तुरंत अलर्ट मिलेगा
अब जैसे ही CIBIL रिपोर्ट में कोई बदलाव होगा, ग्राहक को SMS या ईमेल अलर्ट मिलेगा। इससे लोग अपने स्कोर में हो रहे बदलाव को रियल टाइम में जान सकेंगे। पहले कई मामलों में लोगों को महीनों बाद पता चलता था कि उनका स्कोर घट गया है या कोई नया लोन जुड़ा है। इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और कोई भी अनाधिकृत एक्टिविटी या गलती तुरंत पकड़ में आ सकेगी। यह ग्राहकों की जागरूकता को भी बढ़ावा देगा।
क्रेडिट ब्यूरो की जवाबदेही होगी तय
नए नियमों के तहत अगर क्रेडिट ब्यूरो या बैंक ग्राहक की शिकायत को समय पर हल नहीं करते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। इससे क्रेडिट स्कोर सिस्टम में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। अक्सर देखा गया है कि बैंकों या ब्यूरो द्वारा शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। अब उन्हें समय पर जवाब देना होगा और उचित कार्रवाई करनी होगी। इससे उपभोक्ताओं को न्याय मिल सकेगा और उनकी समस्याएं जल्दी सुलझेंगी।
डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटी में आएगा सुधार
RBI ने निर्देश दिया है कि ग्राहकों की डेटा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। CIBIL सहित सभी क्रेडिट ब्यूरो को अब एडवांस्ड साइबर सुरक्षा तकनीकों को अपनाना होगा और ग्राहक की जानकारी को बिना उसकी अनुमति के साझा नहीं किया जा सकेगा। डेटा चोरी और अनधिकृत पहुंच को रोकने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने होंगे। इससे ग्राहकों को अपने डेटा की सुरक्षा को लेकर अधिक भरोसा मिलेगा और वे निडर होकर डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
Disclaimer
यह लेख भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1 जुलाई 2025 से लागू किए जाने वाले CIBIL स्कोर नियमों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और प्रेस विज्ञप्तियों से ली गई है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अधिकृत बैंक या RBI की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी की पुष्टि अवश्य करें। यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से तैयार किया गया है।