घर खरीदने के लिए कितना लेना चाहिए होम लोन, कैसे जुटा सकते हैं डाउन पेमेंट, घर खरीदने वाले जान लें जरूरी बात Home Loan

Home Loan: घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन इसकी योजना बनाते समय सबसे बड़ी चुनौती होती है फाइनेंसिंग की। होम लोन और डाउन पेमेंट को लेकर कई लोगों के मन में भ्रम रहता है। इस लेख में हम समझेंगे कि घर खरीदने के लिए कितना होम लोन लेना चाहिए, डाउन पेमेंट कैसे जुटाया जा सकता है और किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कितना होम लोन लेना सही

होम लोन की राशि तय करने के लिए आपकी मासिक इनकम और खर्चों को ध्यान में रखना जरूरी है। आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि आपकी मासिक EMI आपकी कुल आय का 40% से ज्यादा न हो। उदाहरण के लिए, अगर आपकी इनकम ₹50,000 प्रति माह है तो EMI ₹20,000 से कम होनी चाहिए। इससे न केवल आप लोन को आराम से चुका सकेंगे, बल्कि अन्य खर्चों के लिए भी बजट बना रहेगा।

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डाउन पेमेंट कितना जरूरी

बैंक आमतौर पर प्रॉपर्टी की कुल कीमत का 75% से 90% तक लोन देते हैं। बाकी राशि आपको डाउन पेमेंट के तौर पर खुद देनी होती है। यदि आप ₹50 लाख का घर खरीदना चाहते हैं और बैंक 80% लोन देता है, तो आपको कम से कम ₹10 लाख का डाउन पेमेंट करना होगा। जितना ज्यादा डाउन पेमेंट करेंगे, उतनी ही कम EMI और ब्याज देना होगा।

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डाउन पेमेंट के लिए पैसे कैसे जुटाएं?

डाउन पेमेंट के लिए आप अपनी सेविंग्स, फिक्स्ड डिपॉजिट्स, म्यूचुअल फंड्स या पीएफ (Provident Fund) का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, गोल्ड लोन या पारिवारिक सहायता भी विकल्प हो सकते हैं। अगर आप कुछ वर्षों के बाद घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो SIP के ज़रिए पैसे इकट्ठा करना एक स्मार्ट विकल्प है।

होम लोन लेने से पहले करें ये जरूरी तैयारी

लोन लेने से पहले अपने CIBIL स्कोर को चेक करें, जो 750 से ऊपर होना चाहिए। इसके अलावा, अपने डॉक्युमेंट्स जैसे आय प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक स्टेटमेंट्स को तैयार रखें। बैंक से पहले ही प्री-अप्रूवल लेने से आपकी खरीदारी की प्रक्रिया तेज और आसान हो जाएगी।

ब्याज दर और लोन टर्म को चुनें

होम लोन के लिए ब्याज दरें आमतौर पर फ्लोटिंग और फिक्स्ड दो प्रकार की होती हैं। फ्लोटिंग रेट्स समय के साथ बदलते हैं, जबकि फिक्स्ड रेट्स स्थिर रहते हैं। अगर भविष्य में ब्याज दरें बढ़ने की आशंका है, तो फिक्स्ड रेट लेना सही रहेगा। इसके अलावा, लंबी अवधि का लोन EMI को कम करता है, लेकिन ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।

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सरकारी सब्सिडी और टैक्स बेनिफिट्स

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी योजनाओं के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को सब्सिडी मिल सकती है। इसके अलावा, होम लोन की ब्याज राशि पर सालाना ₹2 लाख तक की टैक्स छूट और प्रिंसिपल अमाउंट पर भी टैक्स बेनिफिट्स उपलब्ध हैं। यह छूट धारा 80C और 24(b) के तहत मिलती है।

डिस्क्लेमर

यह लेख सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। होम लोन लेने से पहले बैंक, फाइनेंशियल एक्सपर्ट या रियल एस्टेट कंसल्टेंट से सलाह अवश्य लें। ब्याज दरें और लोन की शर्तें समय के साथ बदल सकती हैं, इसलिए आधिकारिक जानकारी की पुष्टि अवश्य करें। हम किसी भी निवेश या फाइनेंशियल निर्णय की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।

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